SI engine full form :- आज का हमारा यह लेख mechanical में रुचि रखने वाले पाठको के लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। Engineering कर रहे छात्र अधिकतर SI engine full form के बारे में खोजते हैं।
इसलिए आज के इस लेख में हम SI engine full form के बारे मे जानकारी प्राप्त करेंगे। इसके अलावा हम SI engine क्या है और कैसे काम करता है उसके बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे।
Engine किसे कहते है ?
Engine या मोटर उस machine को कहा जाता है जिसकी सहायता से किसी भी तरह की energy को mechanical energy में convert किया जाता है।
आसान शब्दों में कहें तो engine heat energy, potential energy, electrical potential, chemical energy, nuclear energy इत्यादि को mechanical energy में बदलने का काम करता है।
Engine तीन प्रकार के होते हैं :-
- Petrol engine
- Diesel engine
- Gas engine
SI engine full form
SI engine की full form मे – S stands for spark , I stands for ignition
Spark ignition engine का हिंदी मे अर्थ चिंगारी प्रज्वलन इंजन होता है। यह petrol engine की तरह ही एक आंतरिक दहन engine होता है।
SI engine क्या है ?
Spark ignition engine एक ऐसा engine होता है जिसमे Spark plug के द्वारा generate हुए चिंगारी से गैसों का दहन होता है। इस मे petrol का use fuel के तौर पर किया है। यह otto cycle के bases पर कार्य करता है।
SI engine मे air और fuel के मिश्रण को कार्बोरेटर की help से cylinder मे डाला जाता है। इस मे compression अनुपात कम होता है और इसकी तापीय क्षमता high होती है।
SI engine कार्य कैसे करता है ?
Spark ignition engine मे engine को एक cycle को पूरा करने के लिए compression stroke, suction stroke, expansion या power stroke और एक्सॉस्ट stroke पूरे करने होते हैं।
आइए इस प्रक्रिया को हम विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं:-
- Suction stroke
Auto principal of four यह stroke cycle का पहला स्ट्रोक होता है। इस stroke मे inlet valve खुला हुआ रहता है, जिसके द्वारा air और petrol का मिश्रण cylinder मे जाता है। पिस्टन ऊपर से नीचे की ओर यानी TDC से BDC की ओर चलता है। जब cylinder मे पिस्टन पहुंच जाता है तो उसमे खाली space हो जाता है।
इस खाली जगह को petrol और air के mixture से carburetor के द्वारा inlet valve के रास्ते cylinder मे भरा जाता है।
- Compression stroke
यह spark ignition engine का दूसरा stroke होता है। इस स्ट्रोक में पिस्टन नीचे से ऊपर की ओर चलता है अर्थात BDC से TDC की ओर चलता है। इस स्ट्रोक के दौरान suction stroke मे जो inlet valve open रहता है वह बंद हो जाता है।
पिस्टन के BDC से TDC की तरफ चलने की वजह से हवा और petrol के मिश्रण पर pressure create होता है। परंतु पिस्टन के ऊपर से space ना मिलने की वजह से इसे रास्ता नहीं मिल पाता। इसी कारण की वजह से cylinder के head मे बने हुए कंबस्शन chamber मे compressed जाता है।
- Expansion/ power stroke
यह stroke spark ignition engine का तीसरा stroke होता है। इसी stroke मे compressed mixture को burn किया जाता है। इसमें जब पिस्टन TDC के बिलकुल पास पहुंचने ही वाला होता है, तो compressed mixture को spark plug के द्वारा battery आदि की सहायता से spark दिया जाता है जिससे वह जल जाता है।
इस से cylinder के अंदर विस्फोट जैसा होता है और मिश्रण burn हो जाता है। ऐसा होने पर हवा तेजी से फैल जाती है, और इसी से power generate होती है।
गैसों में फैलाव की वजह से पिस्टन head को धक्का लगता है और पिस्टन ऊपर से नीचे की ओर चलता है। इस धक्के की वजह से पिस्टन में लगी connecting rode नीचे आकर crank shaft और fly wheel को घूमने मे शक्ति provide करती है।
- Exhaust stroke
Spark ignition engine का चौथा व Last stroke पिस्टन द्वारा engine की एक cycle मे पूरा होता है। इस stroke के माध्यम से जल चुकी गैसों को cylinder से बाहर निकाला जाता है ताकि fresh mixture पुन: cylinder मे जा सके।
जब गैसों से लगे धक्के की वजह से पिस्टन ऊपर से नीचे की ओर चलता है ठीक उसी समय exhaust valve खुल जाता है। इन exhaust valve से ही cylinder से गैस बाहर निकल जाती है।
पिस्टन एकबार फिर से नीचे से ऊपर यानी BDC से TDC की ओर चलता रहता है। ऐसा होने पर cylinder की जली हुई गैस का pressure बनता है जिससे जली हुई गैस exhaust valve, exhaust manifold और silencer के रास्ते cylinder से बाहर निकल जाती है।
जब पिस्टन फिर से ऊपर की ओर पहुंच जाता है तो open हुआ exhaust valve बंद हो जाता है। अतः पिस्टन के चलते रहने से चारो stroke निरंतर complete होते रहते हैं और engine चलता रहता हैं।
SI engine का use कहा किया जाता है ?
इनका use अधिकतर कम वजन वाले वाहनों जैसे मोटरसाईकिल, scooter आदि में use किए जाते हैं। इस प्रकार के इंजन का वजन कम होता है।
SI engine के गुण
- यह एक high speed engine है।
- SI engine कम vibration कम होती है।
- Spark ignition engine कम शोर पैदा करता है।
- SI engine वजन में हल्के होते हैं।
- इनकी रखरखाव की लागत भी कम होती है।
- इस मे hydrocarbon का उत्पादन काफी कम होता है।
- Si engine की लागत भी कम होती है।
- SI engine constant volume cycle पर काम करता है।
निष्कर्ष :-
आज इस लेख के माध्यम से हमने SI engine full form के बारे मे जानकरी प्राप्त की है। हमे उम्मीद है, कि आप के लिए यह जानकारी उपयोगी साबित होंगी।
जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। यदि आपके मन में इस लेख से संबंधित कोई सवाल है जो आप हमसे पूछना चाहते हैं तो कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट कर के पूछ सकते हैं।
FAQ’S:
Q1. SI engine और CI engine मे क्या अंतर है ?
Ans. SI engine मे fuel के रूप में petrol और CI engine मे fuel के रूप मे diesel use किया जाता है।
Q2. SI engine की full form क्या है ?
Ans. Spark ignition engine
Q3. SI engine कहा use किया जाता है ?
Ans . छोटे वाहनों जैसे motorcycle, scooter आदि में।
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